नोएडा और गुरुग्राम के बीच आने-जाने का समय अब महज एक घंटे तक सीमित हो जाएगा। दिल्ली-मेरठ नमो भारत ट्रेन की सफलता के बाद केंद्र सरकार ने एनसीआर (National Capital Region) के कई रूटों पर हाई-स्पीड ट्रेन कॉरिडोर चलाने की योजना बनाई है। इनमें सबसे अहम प्रोजेक्ट है नोएडा–गुरुग्राम नमो भारत ट्रेन कॉरिडोर, जो यात्रियों को तेज़, सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा का अनुभव देगा।
नोएडा–गुरुग्राम कॉरिडोर क्यों है खास?
एनसीआर में ट्रैफिक जाम और लंबी यात्रा की समस्या हमेशा से लोगों के लिए बड़ी चुनौती रही है। पीक ऑवर में सड़कें घंटों जाम रहती हैं और मेट्रो भी तेज़ी से यात्रा का समाधान नहीं देती। ऐसे में नमो भारत कॉरिडोर समय और संसाधनों की बचत करेगा और दोनों शहरों को हाई-स्पीड रेल से जोड़ेगा।
यह कॉरिडोर लगभग 65 किलोमीटर लंबा होगा और इसमें ग्रेटर नोएडा और फरीदाबाद को भी कनेक्ट किया जाएगा। इसकी मदद से यात्रियों को आरामदायक, तेज और सुरक्षित सफर का अनुभव मिलेगा।
ट्रेन की रफ्तार और यात्रियों के लिए सुविधाएं
अधिकतम स्पीड: 180 किलोमीटर प्रति घंटा
स्टेशन आवृत्ति: हर 5–7 मिनट में ट्रेन उपलब्ध
स्टेशन सुविधाएं: यात्रियों के ठहराव, मनोरंजन और कम प्रदूषण का स्तर
पर्यावरण हितैषी: इलेक्ट्रिक ट्रेन होने के कारण प्रदूषण न्यूनतम
इस हाई-स्पीड ट्रेन के आने से यात्रियों का समय बचेगा और यह सड़क पर वाहनों की संख्या भी घटाएगी, जिससे ट्रैफिक जाम में कमी आएगी।
नोएडा–गुरुग्राम रूट और स्टेशन सूची
प्रारंभिक योजना के अनुसार इस कॉरिडोर में छह प्रमुख स्टेशन होंगे:
1. गुरुग्राम – इफ्को चौक
2. गुरुग्राम – सेक्टर 54
3. फरीदाबाद – बाटा चौक
4. फरीदाबाद – सेक्टर 85-86
5. नोएडा – सेक्टर 142-168
6. ग्रेटर नोएडा – सूरजपुर
भविष्य में इसे नोएडा एयरपोर्ट और गाजियाबाद कॉरिडोर से जोड़ा जाने की योजना है। यह रूट प्रमुख आबादी वाले और व्यावसायिक क्षेत्रों को कवर करता है, जिससे अधिकतम लोगों को लाभ मिलेगा।
परियोजना की लागत और निर्माण योजना
नोएडा–गुरुग्राम कॉरिडोर की कुल लागत लगभग 15,000 करोड़ रुपये आंकी गई है। डीपीआर (Detailed Project Report) तीन महीने में तैयार होने की संभावना है। दिल्ली-मेरठ नमो भारत ट्रेन की तरह, यह परियोजना भी चरणों में पूरी होगी।
हरियाणा सरकार ने मई 2025 में इस कॉरिडोर को मंजूरी दे दी है और रूट का जियो सर्वे भी पूरा हो चुका है। डीपीआर आने के बाद यूपी, हरियाणा और केंद्र सरकार परियोजना की लागत, समयसीमा और अन्य पहलुओं पर कार्ययोजना बनाएंगे।
नोएडा–गुरुग्राम कॉरिडोर के फायदे
1. समय की बचत: यात्रा केवल 1 घंटे में संभव
2. ट्रैफिक जाम में कमी: सड़क पर वाहनों की संख्या घटेगी
3. पर्यावरण सुरक्षा: प्रदूषण न्यूनतम रहेगा
4. आर्थिक लाभ: ईंधन और समय की बचत होगी
किराया और सुविधा
दिल्ली-मेरठ नमो भारत ट्रेन के अनुसार, नोएडा–गुरुग्राम कॉरिडोर पर प्रति किलोमीटर 2–2.5 रुपये का अनुमानित किराया हो सकता है। यह किफायती होने के साथ-साथ तेज़ और सुविधाजनक यात्रा सुनिश्चित करेगा।
एनसीआर में अन्य प्रस्तावित कॉरिडोर
केंद्र सरकार ने एनसीआर में कुल 8 नए नमो भारत कॉरिडोर प्रस्तावित किए हैं:
दिल्ली–गाजियाबाद–मेरठ
दिल्ली–गुरुग्राम–एसएनबी–अलवर
दिल्ली–पानीपत
दिल्ली–फरीदाबाद–बल्लभगढ़–पलवल
गाजियाबाद–खुर्जा
दिल्ली–बहादुरगढ़–रोहतक
गाजियाबाद–हापुड़
दिल्ली–शाहदरा–बड़ौत
इन सभी कॉरिडोरों का उद्देश्य एनसीआर के शहरों के बीच हाई-स्पीड कनेक्टिविटी प्रदान करना और मल्टी-ट्रांसपोर्ट हब के रूप में विकास करना है।
नोएडा–गुरुग्राम नमो भारत ट्रेन कॉरिडोर सिर्फ एक यात्रा का साधन नहीं बल्कि एक बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट का हिस्सा है। यह परियोजना समय, पैसा और संसाधन बचाने के साथ-साथ पर्यावरण की सुरक्षा और क्षेत्रीय विकास में भी योगदान देगी।
जल्द ही नोएडा और गुरुग्राम के बीच सफर सिर्फ एक घंटे में पूरा होगा, जिससे एनसीआर के लाखों लोगों की जिंदगी आसान और तेज़ हो जाएगी।
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